Wednesday, January 18, 2017

कृष्ण ने राधा से किया था विवाह || Mahant Naik ||


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तो दोस्तों पहले तो हमें राधा जी के जन्म के बारे में जानना होगा.....।
द्धापर युग में माँ लक्ष्मि ने रुक्मणीजी का अवतार लेकर पृथ्वी पर विधर्व देश के राजा भीष्मक के यहाँ पुत्री के रूप में अवतरित हुई थी। अब हुआ ये के रुक्मणी जी जब ३ माह की हुई तब पूतना नाम की राक्षसि उन्हें मारने के लिए राजा भीष्मक के महल में आ गयी थी।  दोस्तों ये पूतना वही राक्षसि थी जिसेने कंस के  कहने पर भगवान् कृष्ण कोअपना जहरीला स्तन-पान  करके मार ने की कोसिस की थी, पर वो राक्षसि श्री कृष्ण को स्तनपान कराने की वजह से मृत्यु को प्राप्त हुई थी।
राक्षसि पूतना ने यही अपने जहरीले स्तनपान देवी रुक्मणी जी को भी कराने की कोशिश थी,लेकिन उसी समय अचानक कुछ महल के सैनिको को आता देख राक्षसि पूतना देवी रुक्मणी को लेकर आकाश में उड़ गयी थी , लोको ने अब यह मान लिया की राजा भीष्मक पुत्री राजकुमारी  रुक्मणी की मुत्यु हो गयी....
                                        ( आप ये स्टोरी महंत नायक ब्लॉग पे पढ़ रहे है। )
जब की यहाँ राक्षसि पूतना देवी को लेकर बहोत ऊपर उड़ रही थी तब देवी किसी तरह पूतना से अपने आप को आज़ाद कराने में सफल रही। और आकाश से गिरते वक्त पृथ्वी पर एक सरोवर में कमल के फूल के ऊपर विराजमान हो गयी थी।  यह सरोवर मथुरा  नगरी के एक छोटे से बरसाना गाव में था और तभी वह से बरसाना गाव के एक व्यकि ब्रिसवान और उनकी पत्नी कृतीदेवी वहां से गुजर रहे है , उसी समय उन्होंने कमल के फूल पर बिराजमान देवी को देखा।
वो निःसंतान होने की वजह से उस कन्या को खुल पालन पोषण  की ज़िम्मेदारी ली और अपनी पुत्री का नाम "राधा "रख देते है।

दोस्तों आप राधा जी और कृष्णा जी के अटूट प्रेम के बारे में तो जानते ही है।
जब कृष्णा माथुरा नगरी छोड़के द्धारिका नगरी चले गए। और यहाँ विधर्व देश के राजा भीष्मक को ये सुचना मिली की उनकी पुत्री जीवित है और राजा राधा जी को लेकर विधर्व देश वापस लोट गए।
जब की विधर्व देश कृष्ण को अपना दुश्मन मानते थे इस लिए वो राधा जी का विवाह कही और करना चाहते थे।
 इस लिए भगवान  कृष्णा ने देवी रुक्मणी जी जो की राधा भी थी उनका अपहरण करने अपनी पत्नी बनाया।

दोस्तों इस कहानी को पढ़ कर आप समाज ही गए होंगे  रुक्मणीजी एक ही थी।  तो जब कृष्णा जी ने रुक्मणी जी के साथ विवाह किया तो वो राधा जी के साथ विवाह कैसे करते?
इसी लिए हमारे पुराणों में भी राधा जी का नाम आता है तब तक  रुक्मणी जी का नहीं आता और जब भगवन कृष्ण ने   रुक्मणी जी से विवाह किया उसके पश्चात राधा जी का  नाम नहीं आता ।

इसी तरह हमारे पुराणों , महाभारत और रामायण में ऐसी कई  रसस्य से भरे तथ्य छुपे है जो हमे  चौका देते है।

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या आप मुझे ईमेल कर सकते है mahantnayak@gmail.com अगर आप चाहे तो इसी तरह के और रहस्य में आपके सामने ला सकता हु।

||  Thank You ||


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