Friday, February 3, 2017

मन से जीते जीत,मन के हारे हार || By Mahant Naik

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     दो व्यक्ति राम और श्याम शहर से कमाकर पैसे लेकर घर लौट रहे थे। अपनी मेहनत से राम ने खूब पैसे कमाए थे, जबकि श्याम कम ही कमा पाया था। श्याम के मन में खोट आ गया। वह सोचने लगा कि किसी तरह राम  का पैसा हड़पने को मिल जाए, तो खूब ऐश से जिंदगी गुजरेगी। रास्ते में एक उथला कुआं पड़ा, तो श्याम ने राम को उसमें धक्का दे दिया। राम गढ्डे से बाहर आने का प्रयत्न करने लगा।

श्याम ने सोचा कि यह ऊपर आ गया, तो मुश्किल हो जाएगी। इसलिए श्याम साथ लिए फावड़े से मिट्टी खोद-खोदकर कुएं में डालने लगा। लेकिन जब राम के ऊपर मिट्टी पड़ती, तो वह अपने पैरों से मिट्टी को नीचे दबा देता और उसके ऊपर चढ़ जाता। मिट्टी डालने के उपक्रम में श्याम इतना थक गया था कि उसके पसीने छूटने लगे। लेकिन तब तक वह कुएं में काफी मिट्टी डाल चुका था और राम उन मिट्टियों पर चढ़ कर  ऊपर आ गया।


अतः जीवन में कई ऐसे क्षण आते हैं, जब बहुत सारी मुश्किलें एक साथ हमारे जीवन में मिट्टी की तरह आ पड़ती हैं। जो व्यक्ति इन मुश्किलों पर विजय प्राप्त कर आगे बढ़ता जाता है उसी की जीत होती है और वही  जीवन में हर बुलंदियों को छूता है।

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