हर वो इंसान अपनी मेहनत् ओर नसिब के बलबूते पर
अपने जिवन काल मैं आगे बढता हे, सफलता प्राप्त करता हे।
“ अमिर होने का कोइ शोर्ट्कट नही होता। “
अगर कोइ इंसान आप से कहे कि वो रातो रात अपको
करोड्पती बना सकता है तो वो इंसान आपको ठग बना रहा हे ये निश्चित है।
एसे लोगो से बचके रेहने मे ही समज़दारी है।
हिंदी मे इसी बात के लिये एक कहावत है, अगर आप के घर मे
बुज़ुर्ग है तो आप्ने जरुर सुनी ही होगी.
(ओर अगर बुज़ुर्ग होते हुए भी आप उनके साथ वक्त
नही गुजारते तो मेरे दोस्त तुम अपनी लाइफ के सुनहरे पलो को खो रहे हो। )
हाँ,तो दोस्तो अब हम फिर अपने मुद्दे पे आते है।
कुछ लोग अमिर होने के बाद अपने बिताये हुए बूरे
वक़्त को भूल जाते है। ओर वही उन के बर्बादी का कारण बनते है।
ज्यादा पैसा अच्छे वक़्त के साथ साथ कुछ बुरी चीज़े
भी साथ लेके आती है ।
आप सोच रहे होंगे कि बुरी चिज़े कैसे ?
जि हाँ,सब से बुरी चिज़ है घमंड, काम, क्रोध, मोह, माया ओर लालच । इन सब मे सब से बूरा है घमंड, घमंड इंसान को पूरी
तरह तबाह कर देता है।
पैसो के घमंड मे कभी दूसरे का मज़ाक मत उडाओ,किसी की मजबुरी का फायदा
मत उठाओ, या बर्बाद कर देने वालि संगतो मे पैसे मत उडाओ।
अगर आप अमिर है तो उस बात का धमंड ना करते हुए हमे
ज़रुरत मंद लोगो कि मदद करने का प्रयास करना चहिये,ओर अपने मित्रो को भी इस तरह
के कामो के लिये प्रोत्साहित करना चाहिये । आप कि
छोटी सी पहल किसी मजबुर कि ज़िंदगी बदल सकता है।
ओर अगर आप गरिब है तो चिंता मत करिये,
“काम करो
ओर करते जाओ, एक दिन सफलता ज़ख मार के खूद आपके पास आयेगी।“
में हर बार एक लाइन बोलता हू ओर आज यहाँ भी कहूंगा
“मन के हारे हार हे,मन के जिते जित “
अगर आप मुझ से ये पुछे कि गरिब कोन ओर अमिर कोन?
तो मेरा जवाब सिर्फ यही होगा, शायद आपको पसंद ना आये
पर...
- “ गरीब वो है जिस के पास पैसो का ढेर होते हुइ भी जरुरत के समय 1 पैसे भी ना दे सकता हो,वो जो सिर्फ पैसो को ही परमेश्वर मानता हो “
- “अमिर वो है जो भले ज़ोपडे मे रेह्ता हो पर उस के दर पे आये यचक भी भुखे पेट ना जाये,जो इंसानियत को परमेश्वर माने “
- अगर आपको मेरी कहानी पसंद आयी हो तो कमेंट और शेयर जरूर करे।
- खुश रहे ,सुरक्षित रहे , जय हिन्द।
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