Monday, February 27, 2017

ममता की कोई सिमा नहीं होती || Emotional Sort Story ||

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गुजरात की एक पालिका की शाळा में गौरी नाम की एक लड़की पढाई करती थी। 
वो स्कूल से दिया हुआ कभी होमवर्क नहीं  लाती थी। इसी कारण से उसे रोज सजा मिलती। 
और वो हर रोज फूट फूट कर रो पड़ती।
यही सिलसिला करीब ६ महीनो तक चला। 
अब एक दिन हुआ ऐसा की गौरी पहली बार उसे दिया हुआ होमवर्क करके लायी थी। 
जब ये बात उसके शिक्षक को पता चली वो वह आश्चर्य में ही रह गए ! 
 तब उसे पूछा गया की आज अचानक होमवर्क कैसे लायी हो ?
तब गौरी ने रोते रोते  जवाब दिया की " गुरूजी , आज मेरी माँ की मौत हो गयी है, अब मेरे पास होमवर्क करने का समय है। में मेरी बीमार  माँ की सेवा करती थी इस लिए आज तक होमवर्क करने का समय नहीं मिलता था। "

यह सुन कर पूरा क्लास रो पड़ा।


Sunday, February 26, 2017

माँ बाप से दुश्मनी || Heart Touching Story ||

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हमारे लिए इस दुनिया में सब से पहले हमारे माँ- बाप महत्त्व रखते है। बल्कि में तो ये कहता हू की हमारे माता पिता ही हमारी दुनिया है।
इसी मौके पे मेरी कवियत्री मित्र " खुशबु सिंह " द्वारा लिखी गयी कविता आपके सामने प्रस्तुत करता हू ।
 पापा ओ पापा मेरे लगते कितने प्यारे हो
जग से तुम तो न्यारे हो
दादी के दुलारे पापा
तेरी गुड़िया रानी हूं मैं सब गुड़ियों से प्यारी हूं मेरे नखरे सहते तुम हो मां को भी समझाते हो जब भी गलती करती हूं
डांट भी तुम लगाते हो
मैं जब रोने लगती हूं
चॉकलेट से फुसलाते हो
मम्मा की क्या बात करूं वो तो भोली भाली है पापा की दुलारी मां मेरी प्यारी सुंदर मां मंगल सिंह का नाम लेकर
खाना मुझे खिलाती मां
आइसक्रीम का लालच देकर
पढ़ने को तूं भेजती माँ
मैं जब रूठ जाती हूं कार्टून तू दिखाती मां बात-बात पर किस्सू करती प्यार से मुझे मनाती मां मां पापा मेरे अनमोल ईश्वर के परछाई हैं मेरे जीवन दाता वो.
 आज की जनरेशन  अपने माँ बाप के साथ आपसी मेल जोल बढ़ाने में असफल रहते है।  यही मुख्या कारण है 
दो पीढ़ी के बिच में आने वाली गेप। टेक्नोलॉजी के मुद्दे में नयी जनरेशन बहोत आगे है, लेकिन  इसका मतलब ये नहीं की आप बेहतर हो। क्यों वो टेक्नोलॉजी आपके पहले के जनरेशन ने की आविष्कार किया है। 

में इसी बात का एक बहोत ही उत्तम उदाहरण आप को देता हु -
     " आप एक आम के छोटे पौधे को ज़मीन में लगाइये , और एक बार लगाने के बाद उस के ऊपर बिलकुल भी ध्यान मत दीजिए। 
अब सोचिये उस पौधे का क्या हुआ होगा
जी हाँ,वो मुर्ज़ा के मर गया होगा। 
 वो आम का पोधे को समय समय पर पानी ,खात और जातन करने पर वह बड़ा हो कर तंदुरस्त और फैल देगा। "

अगर आपके मन में यह सवाल आता है की आपके माँ - बाप ने आपके लिए क्या किया है तो उस आम के पौधे की जगह खुद को रखके देखिये। 
" माँ एक कवच है तो पिता आप की ढाल है। "

एक वक्त एसा भी आता है जब हमें कुछ बातो पे रोकना टोकना पसंद नहीं आता ,और उसी वजह से हमें तो हमारे दुश्मन जैसे लगने लगते है।  हमें ऐसा महसूस होता है मानो वो हमसे हमारी आज़ादी छीन रहे हो। 
पर "मेरे दोस्त वो ज़ंज़ीर भी हमारी भलाई के लिए ही बांधी जाती है। "

आज तुम जो कुछ भी हो उनकी बदौलत हो ,तुम "क़ाबिल " हो किसकी वजह से ? भूल गए अपने माबाप की कुर्बानी जो तुम्हारी छोटी छोटी जरुरत को पूरा करने के लिए अपनी ख्वाहिशे   सके। वो इस लिए की तुम्हे कोई तकलीफ  न हो। 
माँ बाप ने हमारे लिए इतना कुछ किया ,न कभी तुमसे वेतन माँगा ना ही तुम्हे किसी और चीज़ की उम्मीद की। 

तो क्या अब तुम्हारा फ़र्ज़ नहीं बनता की तुम्हे जिसने इस काबिल बनाया की तुम सर उठाके के इस दुनिया में जी सको उसके बुढापे का सहारा बनो।  उन बूढ़े हाथो की लकडी बनो। पूरी ज़िन्दगी काम कर के थके उस खाली जिस्म को आराम दे सको,माँ की छाती से पिए हुई दूध का क़र्ज़ उतार सको  

क्या तुम इतना नहीं कर सकते ? तो धिक्कार है तुम पर।  


स्मार्ट सिटी नही हमे सेंसिबल सिटी चाहिए || Emotional Story ||

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आज कल सब को स्मार्ट चिज़े चाहिए  स्मार्टफोन, स्मार्टविल्लेज, स्मार्टकार, स्मार्टटेक इत्यादि इत्यादि ...
“आज फोन स्मार्ट हो गया ओर इंसान गधा ।“

उपर लिखे गये एक वाक्या को आप पढ तो बहोत आसानी से लेंगे लेकिन आप इसे अपने जिवन मे कभी उतार नही पायेंगे क्यूकि हमे अब इन चिज़ो कि आदत पद चुकी है। हम फोन को नही फोन हमे इस्तमाल कर रहे है।

  •  एसा क्यू ? 
  •   आप ने कभी सोचा है ?

अब बात करते है, स्मार्ट सिटी या  स्मार्ट विल्लेज कि...

पिछले हफ्ते ही मेंने एक हरकत देखी,जरा ध्यानसे पढीएगा “ एक लडकी थी पूजा (नाम काल्पनिक है) । 10वी क्लास मे पढ्नेवाली नाबालिग लडकी जो रविवारको अपने ट्यूशन क्लासेस जा रही थी। पूज़ा के ट्युशन का रास्ता एक मर्केटसे हो कर गुज़रता है, जब उस दिन वह उस रास्तेसे जा रही थी थी तो कुछ आवारा लडको की नज़र पूजा पर पडी,वो उसका पिछा करने लगे । जब वो मर्कट के रास्ते तक पहोच चुकी  थी,उन लडकोकि हिम्मत इतनी बढ गयी कि उन्होने पूजा  का हाथ पकड लिया,उसे सरेआम छेडने लगे,उसकी छती से दुप्पट्टा तक खिच लिया गया । अब तो हद हो चूकी थी।

“इस नज़ारे को देखने के बाद मुझे ये समज़ मे आ गया की ह्मारे आस-पास की भिड सिर्फ दिखावेके लिये है,क्या कोइ मर्द नहि था उस मासूम कि इज्जत बचाने के लिये?

अरे मेरा भारत तो विरोकि भूमि की भूमि कहलाता है यहा कि मिट्टी ने “शिवाजिराजे” , “महाराणा प्रताप” , “क्रिश्ण” ,“राम”, “भगतसिह” ओर ना जाने कितने विरोको जन्म दिया है,जिन के नाम तक हमे नहि मालूम पर वो हमारे लिये अपने जिवन का बलिदान दे दिया ।

अब आप कहेंगे उन विरो को ह्मने कहा था अपनी जान देनेके लिये?

तो इसका जवाब है “नही-वो सब पागल थे, जि हाँ वो सब पागल थे, क्यु कि वो तेर- मेरा करने मे नहि समझते थे, वो आपका परिवार हो या मेरा वो सब को अपना मांनते थे । ओर हाँ मुझे गर्व है उन सब पगलो पर । “

कास उस दिन इतनी भिडमे एक तो अवाज उस मासूम लडकी के सपोर्ट मे उठती...

क्या हमे एसी ही स्माटसिटी चाहिए?  सोचिए ....

“ कोइ नेता कहेगा मे ये कर दुंगा वो कर दुंगा,स्मार्ट सिटी लाउंगा, पानी खाना दुंगा,रोज़गारी दुंगा वगेरा वगेरा... “ पर क्या वो नेता उस लडकी कि खोयी हुइ इज्जत दे सक्ता है?

आप अपने फेसले खूद ले,ना की दुसरो के सहारे जिए, आप् की सोच है,आप मे इश्वर है,आप मे ही खुदा है, आप मे ही रब बस्ता है ।

एक बार हिम्मत तो करो, किसी मासूम कि मदद तो करो, किसी का सहारा तो बनो । ये मत सोचो कि आप अकेले हो,अगर आप सही हो तो पुरी कायनात आप के साथ है, ओर कोइ नही तो उपरवाला तो हमेशा से था ही ।

खुश रहे, सलामत रहे, जय हिंद ।

Wednesday, February 22, 2017

अपनी औकात मत भूलो || Best Story ||


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हर वो इंसान अपनी मेहनत् ओर नसिब के बलबूते पर अपने जिवन काल मैं आगे बढता हे, सफलता प्राप्त करता हे।
           “ अमिर होने का कोइ शोर्ट्कट नही होता। “
अगर कोइ इंसान आप से कहे कि वो रातो रात अपको करोड्पती बना सकता है तो वो इंसान आपको ठग बना रहा हे ये निश्चित है।
एसे लोगो से बचके रेहने मे ही समज़दारी है।
हिंदी मे इसी बात के लिये एक कहावत है, अगर आप के घर मे बुज़ुर्ग है तो आप्ने जरुर सुनी ही होगी.
(ओर अगर बुज़ुर्ग होते हुए भी आप उनके साथ वक्त नही गुजारते तो मेरे दोस्त तुम अपनी लाइफ के सुनहरे पलो को खो रहे हो। )
हाँ,तो दोस्तो अब हम फिर अपने मुद्दे पे आते है।
कुछ लोग अमिर होने के बाद अपने बिताये हुए बूरे वक़्त को भूल जाते है। ओर वही उन के बर्बादी का कारण बनते है।
ज्यादा पैसा अच्छे वक़्त के साथ साथ कुछ बुरी चीज़े भी साथ लेके आती है ।
आप सोच रहे होंगे कि बुरी चिज़े कैसे ?
जि हाँ,सब से बुरी चिज़ है घमंड, काम, क्रोध, मोह, माया ओर लालच । इन सब मे सब से बूरा है घमंड, घमंड इंसान को पूरी तरह तबाह कर देता है।
पैसो के घमंड मे कभी दूसरे का मज़ाक मत उडाओ,किसी की मजबुरी का फायदा मत उठाओ, या बर्बाद कर देने वालि संगतो मे पैसे मत उडाओ।
अगर आप अमिर है तो उस बात का धमंड ना करते हुए हमे ज़रुरत मंद लोगो कि मदद करने का प्रयास करना चहिये,ओर अपने मित्रो को भी इस तरह
के कामो के लिये प्रोत्साहित करना चाहिये । आप कि छोटी सी पहल किसी मजबुर कि ज़िंदगी बदल सकता है।
ओर अगर आप गरिब है तो चिंता मत करिये,
 “काम करो ओर करते जाओ, एक दिन सफलता ज़ख मार के खूद आपके पास आयेगी।“
में हर बार एक लाइन बोलता हू ओर आज यहाँ भी कहूंगा “मन के हारे हार हे,मन के जिते जित “

अगर आप मुझ से ये पुछे कि गरिब कोन ओर अमिर कोन?
तो मेरा जवाब सिर्फ यही होगा, शायद आपको पसंद ना आये पर...
  •     “ गरीब वो है जिस के पास पैसो का ढेर होते हुइ भी जरुरत के समय 1 पैसे भी ना दे सकता हो,वो जो सिर्फ पैसो को ही परमेश्वर मानता हो “

  •        “अमिर वो है जो भले ज़ोपडे मे रेह्ता हो पर उस के दर पे आये यचक भी भुखे पेट ना जाये,जो इंसानियत को परमेश्वर माने “
अब आप खुद इतने काबिल है कि अपना सही बूरा सोच सकते है। अब आप ही इस तस्वीर को देख कर निश्चित करे कि आप दिल से गरिब है या अमिर ?Image result for garib amir
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  •  अगर आपको मेरी कहानी पसंद आयी हो तो कमेंट और शेयर जरूर करे। 
  • खुश रहे ,सुरक्षित रहे , जय हिन्द।  

Tuesday, February 21, 2017

OMG !! मज़ाक मे जित लिये 1 करोड रुपये ॥ Video ||

  
    दो दोस्तों के बीच लगी ना हँसने की चैलेंज। और दोस्त नहीं रोक सका अपनी हँसी।
       देखते है क्या आप इस विडियो को देखने के बाद अपनी हँसी रोक पाएंगे .....
 

Friday, February 3, 2017

मन से जीते जीत,मन के हारे हार || By Mahant Naik

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     दो व्यक्ति राम और श्याम शहर से कमाकर पैसे लेकर घर लौट रहे थे। अपनी मेहनत से राम ने खूब पैसे कमाए थे, जबकि श्याम कम ही कमा पाया था। श्याम के मन में खोट आ गया। वह सोचने लगा कि किसी तरह राम  का पैसा हड़पने को मिल जाए, तो खूब ऐश से जिंदगी गुजरेगी। रास्ते में एक उथला कुआं पड़ा, तो श्याम ने राम को उसमें धक्का दे दिया। राम गढ्डे से बाहर आने का प्रयत्न करने लगा।

श्याम ने सोचा कि यह ऊपर आ गया, तो मुश्किल हो जाएगी। इसलिए श्याम साथ लिए फावड़े से मिट्टी खोद-खोदकर कुएं में डालने लगा। लेकिन जब राम के ऊपर मिट्टी पड़ती, तो वह अपने पैरों से मिट्टी को नीचे दबा देता और उसके ऊपर चढ़ जाता। मिट्टी डालने के उपक्रम में श्याम इतना थक गया था कि उसके पसीने छूटने लगे। लेकिन तब तक वह कुएं में काफी मिट्टी डाल चुका था और राम उन मिट्टियों पर चढ़ कर  ऊपर आ गया।


अतः जीवन में कई ऐसे क्षण आते हैं, जब बहुत सारी मुश्किलें एक साथ हमारे जीवन में मिट्टी की तरह आ पड़ती हैं। जो व्यक्ति इन मुश्किलों पर विजय प्राप्त कर आगे बढ़ता जाता है उसी की जीत होती है और वही  जीवन में हर बुलंदियों को छूता है।

ये कहानी आपको कैसी लगी अपनी टिप्पणियों के माध्यम से हमें जरुर बताएं। आपकी प्रतिक्रिया एवं सुझाव हमारा उत्साह बढाती है, इसलिए हमें अपने कमेंट्स के माध्यम से ये जरुर बताएं की महंत नायक ब्लॉग पर छापे गए पोस्ट्स आपको कैसे लगते हैं ।

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सबसे सच्चा रिश्ता “दोस्ती” “दोस्त वह होता है जो आपके भुतकाल को समझता है। आपके भविष्य पर विश्वास रखता है और आप जैसे हो ...